Chankya Suvichar, chankya Quotes Hindi

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हमारे दैनिक जीवन बड़ा ही विचित्र सा  है। ऐसा लगता है कि हम प्रकाश में रहते हुए भी भयंकर  अंधेरे में भटक रहे हैं। छोटी-छोटी बातें भी कभी कभी जीवन में बड़े-बड़े रहस्य छोड़ जाती है। जिस बात को हम कभी बहुत  साधारण मान कर भूल जाते हैं। वही बात एक दिन भयंकर  परिणाम लेकर सामने आती है।

पंडित चाणक्य(chankya Suvichar no.1) 
 ने इस संसार को निकट से देखते हुए हमारे जीवन के    बारे में बड़ी गंभीरता से सोचा था चाणक्य जी(chankya quotes hindi)का भी ज्ञान आज हमारे जीवन   में अंधेरे में   प्रकाश ला सकता है आइए कुछ दैनिक ज्ञान की बातें   जानते हैंआज आप आचार्य चाणक्य नीति का पूरा  निचोड़ जानेगे…

चाणक्य नीति का मुख्य उद्देश्य क्या था ,

  क्या मुझे इसे पडना चाहिए ?

 

  • चाणक्य निति यह थी की दुसरो की गलतियों से सीखना चाहिए क्योकि हम गलती करके सीखेंगे तो 
  • हमारी उर्म कम पड़ जायगी इसलिए दुसरो ने गलती की है उनको न करके आगे बढ़ना चाहिए आचर्य चाणक्य का जन्म कहा हुआ  जन्म स्थल तक्षशिला (पाकिस्तान में आधुनिक दिन रावलपिंडी जिला),  गोला क्षेत्र में चनाका गाँव (अब, ओडिशा में) (जैन ग्रंथों के अनुसार)

 

 
1   ”बांमी  के अंदर जैसे सांप मर जाता है’।
इसी तरह अपने दिल का भेद हर किसी को दे देने
 वाला मनुष्य का भी एक दिन नाश हो जाता    
 इसलिए 
 यदि तुम अपनी भलाई चाहते हो तो किसी से भी  
 अपने मन की बात मत कहना 
 यह बात बड़ा गुरु मंथ है जिसने इसे सीख लिया    
  वह   अवश्य सफलता प्राप्त करता रहेगा


Chankya suvichar  क्या करना उचित है । चाणक्य विचार

”विद्यार्थी , नौकर,  भूखा ,आदमी , खाजांती ,
चौकीदार ,बुद्धिमान ,
यह लोग यदि सो रहे हो तो इन्हें जगा देना जरूरी

   होता है।

” विद्यार्थी यदि सोया रहेगा तो उसकी पढ़ाई नहीं

      होगीʼʼ
” नौकर यदि सोया रहेगा तो मालिक उसे काम से     

      निकाल देगा।ʼʼ
” भूखा सोया रहेगा तो रोटी की तलाश कौन करेगा?

खजांची यदि सो जाएगा तो खजाना चोरी हो

    जाएगा।ʼʼ
चौकीदार के सोने से चोर  चोरी कर लेंगे
इसलिए ऐसे लोगों को जगा देना उचित होता है।

स्वभाव सब  पर  चाणक्य विचार (chankya )

हर पाणी  का अपना स्वभाव अलग-अलग होता है।    अपने  स्वभाव से ही उन्हें खुशी मिलती है
जैसे ब्राह्मण अच्छा भोजन पाकर खुश हो जाता है।
काले बादल गरजकर खुश होते हैं
अच्छे लोग अपने दूसरों को देख कर खुश होते हैं।

  किंतु ।
कुछ पापी लोग ऐसे होते हैं जो केवल दूसरों को दुखी    देखकर खुश होते हैं।

कहने का भाव यही है कि हर प्राणी का स्वाभाव

  अपना-अपना अलग-अलग होता है।
 
•  अपनी योजनाओ के बारे में किसी से चर्चा ना करे    
 
   क्योंकि अन्य लोग आपके कार्य में बाधा पहुंचा    
   सकते 
   है साधारण सा सुझाव है कि आप अपने लक्ष्य का  

   पीछा बगैर किसी के ध्यान की अपेक्षा के करे

•  मूर्खता एक दर्द होता है और युवावस्था बहुत

   दुखदायी होती है दुसरो की दया पर जीने से ज्यादा  

   दुखदायी कुछ नहीं हो सकता है

•  लोग कमजोर राजा को छोड़ देते है वेश्या अमीर

   ग्राहकों एकदम खाली कर देती है चिड़िया सूखे पेड़ 
   को छोड़ देती है इसीतरह मेहमान को मेजबान का 
 
   घर खाना खाने के बाद छोड़ देना चाहिए
•   किसी भी दिन को कुछ अच्छा और उपयोगी सीखे  

     बगैर ना जाने दे

•  आप किसी भी व्यक्ति के बारे में उसके स्वभाव से,

    उसकी पैदाइशी जगह उसके उच्चारण से, और  
    उसके भोजन का अंदाजा उसके पेट के आकार से  

    लगा सकते है

•  अगर आपके एक तरफ शैतान और दूसरी तरफ

    सांप है तो सांप बख्स दे क्योंकि वह केवल अपने 
   बचाव के लिए ही डंसेगा जबकि शैतान आपको  

   मारने का कोई भी मौका नहीं छोड़ेगा

 

•  एक बुद्धिमान राजा किसी भी स्थिति और स्थान पर 
    हमेशा अपने मंत्रियो को साथ ले जाता है
•  चाणक्य नीति के अनुसार उच्च परिवार का सुन्दर 
 
   युवा अगर अशिक्षित रहता है तो उसको बगैर सुगंध  

   वाले फूल की तरह नज़रअंदाज किया जाता है 

 

दोस्ती के ऊपर चाणक्य विचारchankya friend  suvichar hindi 


दोस्त को पसीना  जहां गिरे सच्चा मित्र समय आने पर उस पर खून बहा दे, उसे ही असली मित्र समझा समझना
यदि कोई मित्र ऐसा नहीं करता तो उससे मगरमच्छ वाला है जो कम से कम नकली आंसू तो बहा देता है

 

 

2  पागल बुद्धिहीन , व्यक्ति से सदा दूर रहो,
क्योंकि वह पाव वाला पशु होता है,
एक पशु और बुद्धिहीन आदमी में कोई अंतर नहीं होता,
यदि बुद्धिहीन प्राणी बोलेगा भी तो उसके बोल में कांटे ही होंगे ।

अच्छे,  मीठे,  गुणकारी शब्द अभी उसकी जबान से निकल ही नहीं सकते।
इसलिए अच्छे पुरुषों को यह सलाह दी जाती है कि वह बुरी संगत से दूर रहें, उन्हें ना तो पास बैठने दें, और ना ही उनके पास जाएं।
चाणक्य

मनुष्य जैसे भी लोगों के साथ रहेगा उसका प्रभाव अवश्य उसके स्वभाव पर पड़ेगा
जैसे किसी बीच का सर उसके पैदा होने वाली फसल पर अवश्य पड़ता है

इसलिए इस बात को सोच समझ कर ही अपना दोस्त बनाना चाहिए कि आपके दो सच्चे हैं तो आप स्वयं ही अच्छे होंगे    चाणक्य

 

किसी से भी दोस्ती करने से पहले बुद्धिमान लोग, अच्छी तरह सोच समझ लेते हैं

क्योंकि वे यह बात अच्छी तरह जानते हैं कि अपने ही स्वार्थ के लिए की गई मित्रता आगे चलकर शत्रुता का कारण बन जाती है

5दोस्त वही जो दोस्त की रक्षा करें।ʼʼ

”दोस्त को भाई से भी बढ़कर माना गया है।ʼʼ
‘ यही कारण है कि दोस्ती ही इंसान के काम आती है। सच्ची दोस्ती भी इसे ही कहते हैं 

पीठ के पीछे बुरा करने वाले और मुंह पर मीठी- मीठी बातें करने वाले मित्रों से ज्यादा दूर रहना चाहिए। -ऐसे मित्रों से कभी भी लाभ नहीं होता यह लोग बनते हुए कामों को बिगाड़ देते हैं ऐसे लोगों को कभी भी अपना मित्र ना

 समझे ऐसे मित्रों से बुद्धिमान शत्रु ही अच्छा होता है।
धोखेबाज, झूठे मित्र पर कभी विश्वास ना करें,
ऐसे मित्र जब नाराज होते हैं तो सारे भेद उगल देते हैं
ऐसे मित्र को भूल कर भी अपने भेज ना दें और ना ही इनसे कभी लाभ की आशा रखें।

अपने दोस्तों के साथ रहते हुए जो व्यक्ति किसी भी मित्र के घर में रहने वाली लड़की को बुरी नजर से देखें एवं मुझसे प्यार करे ऐसा आदमी सबसे बड़ा पापी होता है    चाणक्य


दोस्ती केवल अपने ही जैसे लोगों से हो सकती है। दोस्ती के लिए यह जरूरी है कि

समान विचार वाला, सामान कल्पना समान ही आर्थिक स्थिति हो, तभी तो सदा चल सकती है
गधे और घोड़े कुत्ते और बिल्ली बकरी और शेर जैसे प्राणियों में तो कभी आपस में दोस्ती नहीं चल सकती

 

 रोने से इंसान कमजोर होता है गलत बात है
  दुख भी क्रमानुसार होता है जितना बाप होता है भाई 
  को नहीं जितना भाई को होता है उतना पड़ोसी को 
  नहीं जितना पड़ोसी को होता है उतने मोहल्ले को    
  नहीं 
  होता जितना मोहल्ले को होता है उतना शहर को 
  नहीं
इंसान को छोड़कर बाकी सारा संसार ईश्वर के  

  हिसाब    से टाइम टेबल बनाता है

चाणक्य नीति 

Chankya Suvichar

1.पैसा आता है  तब भी नाम बदल जाता है
  और पैसा जाता है तब भी

  आता है तो – परसू – परसा -परशुराम ।
जाता है तो – जगननाथ -नाथ-आनाथ । 

 


2.
दुनिया चलते के साथ चलती है

  खड़े के साथ कोई  खड़ा नही होता ।
(चलती के सब यार होते हैं)
-चाणक्य

3.घड़ी मौत की सहेली है

  टिक टिक करके मौत
के पास ले जाती है
चाणक्य

 

  जागकर जिओ
रास्ते में लुटेरे बैठे हैं

 

  समय और सागर की लहरें
  कभी नहीं रुकती
जो चीजें होने वाली है उन 
  से डरने की  जरूरत क्या है

  -जैसे  मौत

 


   जागने वाला उठकर चल दीया ।
   सपने देखने वाला मीठा

   सपना देखता रह गया।

दिल में उतरना ओर दिल

  से उतारना दोनों में 

  बहुत अंतर है।

8. परमात्मा बीमारी में,

   श्मशान में, और
    बुढ़ापे मे कथा में,
याद आता है
सदा  के लिये कोई रह
  नहीं सकता सदा के

  लिए जा सकता है

 

  सामान को मत देखो जरूरत को देखो  तभी सुखी रहोगे

 

11  जवानी आम के रस के समान

   होती है बुढ़ापा आम की 

   गुठली समान होता है

12# ॥ वृक्ष को कोई पत्थर मारता है तो पत्थर गिरने से पहले फल गिरा देता है॥

चाणक्य के अनुसार हमें पशुओं वा पक्षियों  से क्या सिकना चाहिये? 

Chankya quotes  hindi 


शेर से एक, बगुले से 4, कौवे से पांच ,कुत्ते से 6, और गधे से 3 गुण सीखने चाहिए ।
किया जाने वाला काम थोड़ा हो या अधिक, मगर सदा उसे मन लगाकर करना चाहिए , प्राणी को यह गुण शेर से सीखना चाहिए ।

मित्रों को इंद्रियों का संयम करना , समय के अनुसार और अपनी शक्ति को देख कर काम करने का गुण बगुले से सीखना चाहिए ।

ठीक समय पर जागना, लड़ना बंधुओं को भगा देना झपट कर भोजन करना यह चार गुण, मुर्गे से सीखना चाहिए ।

संकोच से मैथुन करना, समय-समय पर संग्रह करना, चौकन्ना रहना,  किसी पर विश्वास न करना, या पांच बातें गुणी  आदमी को कौवे से सीखनी चाहिए।

बहुत भूखा रहकर भी संतुष्ट रहना,  गहरी नींद में रहते हुए भी झट से जाग जाना, मालिक की वफादारी और बहादूरी ,यह सब गुण कुत्ते से सीखने होते हैं।”

बहुत थक जाने पर भी बोझ ढोते रहना, गर्मी- सर्दी की परवाह ना करते हुए,सदा संतुष्ट रहना रुखी- सूखी खाकर भी भगवान का शुक्रिया अदा करना यह सब गुण ‘गधे’ से सीखने चाहिए

ऊपर से 20 गुणों को अपनाने वाला प्राणी सदा ही सफल रहता है उसका हर काम सीधा पड़ता है वह कभी भी धोखा नहीं कर सकता
-चाणक्य

 

Chankya  Suvichar  चाणक्य नीति 

हंस केवल वहीं पर रहते हैं जहां पर उन्हें पानी मिलता है सरोवर सूख जाने पर वह अपनी जगह झट से बदल लेते हैं
“किंतु”
प्राणी को हंस की भांति नहीं होना चाहिए कि केवल अपने ही स्वार्थ के लिए बार-बार स्थान बदलता रहे

अपनी कमाई को खर्च करने से पहले यह सोच ले कि मनुष्य का जीवन सदा एक-सा नहीं रहता आज यदि वह अधिकतम कमा हो रहा है कल शायद कमा ही ना सके इ,सलिए
अपनी कमाई में से कुछ ना कुछ बजाते रहना चाहिए।”
– चाणक्य

 

Chanky  Suvichar चाणक्य नीति  

इस संसार में यदि आप किसी पर पूर्ण रुप से विश्वास कर सकते हैं तो वह केवल आपका मन है।
इसलिए ऐसे पुरुष सदा सुखी रहते हैं और अपने मन की आवाज को मान कर चलते हैं
इस संसार में भले ही आपकी कोई निकटतम से निकटतम श्रेयी ही क्यों ना हो उससे यह कभी भेद की बातें छुपा रखें ।

 
चाणक्य नीति

मनुष्य के लिए यह जरूरी है कि इन बातों के बारे में सदा सोचता रहे
”मेरा समय कैसा है? ʼʼ
”मेरा मित्र कैसा है ?ʼʼ
‘मेरा देश कैसा है ?ʼʼ
मैं क्या हूं मेरे को क्या-क्या लाभ और नुकसान होते हैं ?
मुझ में इतनी बुद्धि कितनी शक्ति है ऐसे प्रश्न बार-बार उसे अपने आप से पूछते रहना चाहिए।
 
 

विद्यार्थी अभी सो रहा हो ।ʼʼ
”यात्री अधिक रहा हो।ʼʼ
” डर के मारे भूखा कातर  भंडारी सुस्त पड़ा हो।ʼʼ ”द्वारपाल सो रहा हो ।ʼʼ

तो इन सब को जगा देना चाहिए ।
यदि –
सांप, राजा, बालक, दूसरों का कुत्ता और मूर्ख हो रहा हो तो उनको भूल कर भी नहीं लगाना चाहिए।

शिक्षा से बड़ा धन इस संसार में और कोई नहीं है शिक्षा एक दूध देने वाली गाय है जो सदा मनुष्य को ज्ञान देती है शिक्षा एक गुप्त धन के समान है इसलिए शिक्षा को अवश्य प्राप्त करें

 


पुस्तकों में लिखी विद्या और दूसरों के पास जमा किया गया धन कभी समय पर काम नहीं आते। ऐसी विद्या या धन को न होने के बराबर ही समझना चाहिए।

chankya  students vichar 


विद्यार्धी के लिए आवश्यक है कि वह इन दोषों का त्याग :
.काम,क्रोध लोभ .स्वादिष्ठ पदार्थों या भोजन.श्रृंगार.हंसी-मजाक निद्रा  .और अपनी शरीर सेवा में अधिक समय न देकाम भावनाओं से बचें :प्रयास करें की क्रोध न करें :लोभ न करें
स्वादिष्ठ पदार्थ तथा भोजन के चक्कर में हमेशा न रहेंसजना-सवरना और अपनी शरीर सेवा में अधिक समय न दे:
आप यदि इन बातों को जानते हैं तो बहुत कुछ जान जायेगें जिंदगी के रहस्य…।

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